ज्ञानवापी व्यास (gyanvapi case) जी तहखाना मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मामले को लेकर मुस्लिम पक्ष से पहले ही हिन्दू पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है और उसने अदालत में नई याचिका दायर की है।दाखिल याचिका में मांग की गई है कि व्यासजी के तहखाने की छत वाले मस्जिद के हिस्से पर किसी का भी प्रवेश रोका जाए। साथ ही तहखाने की छत पर नमाज पढ़ने पर भी रोक लगाई जानी चाहिए। याचिका में हिन्दू पक्ष ने दावा किया है कि 500 साल पुरानी छत होने से छत का हिस्सा जर्जर है।सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उसने जिला अदालत के व्यासजी तहखाने में पूजा के खिलाफ याचिका दाखिल की थी।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में व्यासजी के तहखाने में पूजा रोकने की कार्रवाई को अवैध बताया था और मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी।बाबरी विध्वंस के बाद किया गया था सील : व्यासजी का तहखाना के नाम से मशहूर इस स्थान को 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद सील कर दिया गया था। विध्वंस के तुरंत बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने इस्तीफा दे दिया था।अगले साल विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकार बनी। राज्य सरकार ने तब कानून और व्यवस्था की चिंताओं का हवाला दिया और तहखाने वाले ‘मंदिर’ को सील कर दिया गया।