नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शुक्रवार, 15 मार्च वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति स्थिर लेकिन संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि एलएसी पर भारतीय सैनिकों और हथियारों की तैनाती “बेहद मजबूत” और “संतुलित” है।एक कॉन्क्लेव में एक पैनल चर्चा के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि हमें कड़ी नजर रखने और निगरानी रखने की जरूरत है।इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2024 के दौरान ‘भारत और इंडो-पैसिफिक: खतरे और अवसर’ पर चर्चा में सेना प्रमुख से क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव और भविष्य की तैयारियों के संदर्भ में कई सवाल पूछे गए।जून 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई है। यह पूछे जाने पर कि एलएसी पर वर्तमान स्थिति क्या है, जनरल पांडे ने कहा, “अगर मैं संक्षेप में बताऊं कि स्थिति क्या है, तो मैं इसे स्थिर लेकिन संवेदनशील बताऊंगा। और यही वह जगह है जहां हमें स्थिति बनाए रखने की जरूरत है। कड़ी नजर रखें, एलएसी के पार की गतिविधियों पर बहुत बारीकी से नजर रखें।”उन्होंने कहा “मैं पहले से कहूंगा, एलएसी पर हमारे पास मौजूद सैनिकों और अन्य तत्वों के संदर्भ में हमारी तैनाती बेहद मजबूत है और यह संतुलित है। हमारे पास पैदल सेना गठन और अन्य के संदर्भ में पर्याप्त भंडार भी है। जहां तक हमारी तैयारियों का सवाल है ऐसा हम बनाए रखते हैं तोपखाने और अन्य तत्व, एलएसी की पूरी लंबाई में उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम होने के लिए।”बता दें कि भारत और चीन ने हाल ही में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता का एक नया दौर आयोजित किया, जिसमें दोनों पक्ष जमीन पर “शांति और शांति” बनाए रखने पर सहमत हुए, लेकिन किसी भी सफलता का कोई संकेत नहीं मिला।सेना प्रमुख से यह भी पूछा गया कि सीमा पर झगड़ों से क्या सबक सीखा गया है, इस पर उन्होंने कहा कि न केवल सीमा पर क्या हो रहा है बल्कि मैं कहूंगा कि दुनिया में क्या हो रहा है इससे हमें बहुत गहरे सबक सीखने की जरूरत है। ये पाठ रणनीतिक स्तर, परिचालन स्तर और सामरिक स्तर पर हैं।”