कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन मध्य प्रदेश में मंजूषा गुरु मनोज कुमार पंडित एवं अमन सागर को सम्मानित किया गया है।
कालिदास संस्कृत अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद में आयोजित मंजूषा कला प्रशिक्षण सह कार्यशाला में अपने सहयोगी अमन सागर के साथ जी ड़ी विमेंस कॉलेज एवं ललित कला संगीत एवं नाट्य अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के प्रतिभागियों को मंजूषा कला की बारीकी एवं लीला विषहरी की गाथा को सिखाने उज्जैन पहुंचे थे।
सभी प्रतिभागियों ने उत्साहित होकर मंजूषा कला की बारीकियों को सीखा। लगन के साथ अंग प्रदेश के मूल धरोहर मंजूषा कला वर्तमान बिहार के भागलपुर जिला के मंजूषा पेंटिंग को सीखा। जिसमें सहयोगी के रूप में अमन सागर थे।
विक्रम यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर अखिलेश पांडे, डॉक्टर शैलेंद्र शर्मा, ललित कला अध्ययनशाला के विभाग अध्यक्ष डॉ जगदीश, कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉक्टर गोविंद और प्रोफेसर लक्ष्मी नारायण सिंह ने संयुक्त रूप से सम्मानित किया। इस मौके पर कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि मंजूषा कला गुरु मनोज पंडित और उनके सहयोगी अमन सागर ने बच्चों को इसकी जानकारी दी।
इससे हमारे बच्चे काफी उत्साहित हैं। इसलिए इससे बड़ी कार्यशाला का आयोजन कर और प्रदर्शनी लगाकर आमजनों को मंजूषा कला की बारीकियों को बताया जाएगा। इसका कैटलॉग भी कॉलेज में तैयार किया जाएगा। इसके अलावा कला दरगाह में मंजूषा कला को अलग से लगाया जाएगा। इस कार्यशाला सह प्रशिक्षण में कुल 30 प्रतिभागी भाग ले रहे थे। सभी प्रतिभागी फाइन आर्ट विद्या के सेकंड ईयर, फोर्थ ईयर और मास्टर के विद्यार्थी थे। इसी क्रम में विक्रम उत्सव के व्यापार मेला में भी मंजूषा कला के प्रदर्शनी लगाई गई। प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन में डॉक्टर योगेश्वरी फिरोजिया का सराहनीय सहयोग रहा।