कांग्रेस ने मंगलवार को अटल पेंशन योजना को ”कागजी शेर” करार देते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा तथा आरोप लगाया कि यह ”बहुत ही खराब तरीके से तैयार की गई योजना’ है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार करते हुए कहा कि अटल पेंशन योजना बेहतर विकल्प के आधार पर डिजाइन की गई है और यह न्यूनतम आठ प्रतिशत रिटर्न की गारंटी देती है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यह योजना मोदी सरकार के ‘सुर्खियां प्रबंधन’ वाले नीति निर्धारण को सही ढंग से प्रतिबिम्बित करती है, जिसका वास्तव में कुछ लाभ ही लोगों तक पहुंच रहा है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधने के लिए एक खबर का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया है कि असंगठित क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार की अटल पेंशन योजना (एपीवाई) से बाहर निकलने वाले तीन ग्राहकों में से लगभग एक ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उनके खाते उनकी अनुमति के बिना खोले गए थे।
इस खबर में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) के हालिया अध्ययन का हवाला दिया गया है। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) 24 मार्च को बेंगलुरु में थीं, जहां वह मोदी सरकार द्वारा ‘प्रमुख सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम’ के रूप में शुरू की गई अटल पेंशन योजना के फायदों की घोषणा कर रही थीं।” उन्होंने आरोप लगाया, “सिर्फ एक दिन बाद, यह सामने आया कि इस योजना के एक तिहाई ग्राहकों को अधिकारियों द्वारा उनकी ‘स्पष्ट’ अनुमति के बिना योजना में नामांकित किया गया था।”
रमेश ने दावा किया कि ग्राहकों के लिए रिटर्न की राशि बहुत आकर्षक नहीं है क्योंकि यह एक निश्चित आय पेंशन है, जो बढ़ती कीमतों के साथ अपना मूल्य खो देती है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि अटल पेंशन योजना एक बहुत ही खराब तरीके से तैयार की गई योजना है तथा यह एक ‘कागजी शेर’ है जिसके लिए अधिकारियों को लोगों को धोखा देने और इसमें भाग लेने के लिए मजबूर करने की आवश्यकता पड़ती है।
सीतारमण ने रमेश पर पलटवार करते हुए कहा कि ”तथ्यों को छिपाने के लिए मौखिक कुतर्क का उपयोग करने वाले” रमेश या तो दुर्भावना से ग्रसित हैं या एक अच्छी पेंशन योजना को डिजाइन करने के बुनियादी सिद्धांतों से अनभिज्ञ हैं। वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “अटल पेंशन योजना को सर्वोत्तम विकल्प के आधार पर डिजाइन किया गया है ताकि ग्राहक द्वारा (छोड़ने का) विकल्प नहीं चुनने तक स्वचालित रूप से प्रीमियम भुगतान जारी रहे। यह एक सुविचारित और लाभकारी सुविधा है जो ग्राहकों के सर्वोत्तम हित में है।”
उन्होंने कहा कि लोगों को हर साल योजना जारी रखने का निर्णय लेने के बजाय, छोड़ने का निर्णय लेना होगा, इससे उनमें से कई लोग सही निर्णय लेते हैं और अपनी सेवानिवृत्ति के लिए बचत करते हैं। सीतारमण ने कहा कि रमेश ने गारंटीकृत पेंशन योजना पर तथ्यों की जांच करने की जहमत नहीं उठाई। उन्होंने कहा, ”मौजूदा ब्याज दरों और रिटर्न की परवाह किए बिना एपीवाई के तहत न्यूनतम रिटर्न भारत सरकार द्वारा कम से कम आठ प्रतिशत होने की गारंटी है। यह एक आकर्षक गारंटी वाला न्यूनतम रिटर्न है।”