अट्ठारहवीं लोकसभा के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र मोदी ने रविवार को लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
इसके साथ ही अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, जेपी नड्डा, शिवराज सिंह चौहान, एस शिवशंकर, जितन राम मांझी, मनोहर लाल खट्टर, एचडी कुमार स्वामी, राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही मोदी ने लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने के देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। मोदी 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे।
इसके बाद 17वीं लोकसभा के चुनाव में भारी बहुमत से जीत के बाद वह लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। नेहरू 1947 से स्वतंत्रता के बाद से सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उनकी मृत्यु 27 मई 1964 को हुई थी और वह उस समय भी देश के प्रधानमंत्री थे। साल 1952 में हुए पहले आम चुनाव में जीत के बाद वह पहली बार प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए थे।
इसके बाद 1957 और 1962 के आम चुनावों में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की और नेहरू फिर देश के प्रधानमंत्री बने। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई है। उसे 240 सीटें मिली हैं। हालांकि, भाजपा नीत राजग ने 293 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया।
इसके बाद राजग की बैठक में मोदी को पिछले दिनों भाजपा और राजग संसदीय दल का नेता चुना गया था। नेता चुने जाने के बाद मोदी ने राष्ट्रपति भवन जाकर द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की थी और सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
मोदी के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए अंबानी, अडाणी बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान, अनिल कपूर और रजनीकांत तथा उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी उन लोगों में शामिल थे, जो रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए। अभिनेता अक्षय कुमार, रवीना टंडन, अनुपम खेर और विक्रांत मैसी भी उपस्थित थे।
शीर्ष उद्योगपतियों में, मुकेश अंबानी अपने बेटों- अनंत और आकाश तथा दामाद आनंद पीरामल के साथ उपस्थित थे। गौतम अडाणी के साथ उनकी पत्नी प्रीति और भाई राजेश अडाणी भी मौजूद थे। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ भी अपनी पत्नी के साथ मौजूद थे। इस कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रतिभा पाटिल भी शामिल हुए। समारोह में कई धार्मिक नेता भी मौजूद थे।
मंत्रिपरिषद के सदस्यों को मोदी की नसीहत मनोनीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके नेतृत्व वाली अगली सरकार में मंत्रियों के तौर पर रविवार को शपथ लेने वाले सभी नेताओं को नसीहत दी कि उन्हें विनम्र रहना चाहिए, क्योंकि आम लोग यही पसंद करते हैं। मोदी ने साथ ही उन्हें ईमानदारी एवं पारदर्शिता से कभी कोई समझौता न करने की भी सलाह दी।
सूत्रों ने बताया कि नामित मंत्रियों से मुलाकात के दौरान मोदी ने कहा कि लोगों की उनसे काफी अपेक्षाएं हैं और सभी को इसे पूरा करना होगा। मोदी रविवार को अपनी मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री के रूप में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेंगे।
उन्होंने निवर्तमान मंत्रिपरिषद के कई वरिष्ठ नेताओं और मंत्री पद की शपथ लेने वाले नए नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, ”आपको जो भी काम सौंपा जाएगा, उसे ईमानदारी से करें और विनम्र रहें क्योंकि लोग उनसे प्यार करते हैं जो विनम्र होते हैं।”
सूत्रों ने बताया कि मनोनीत प्रधानमंत्री ने उनसे यह भी कहा कि वे सभी सांसदों को सम्मान और गरिमा दें चाहे वे किसी भी पार्टी के हों, क्योंकि उनमें से सभी को लोगों ने चुना है। उन्होंने कहा कि मनोनीत मंत्रियों को हमेशा विनम्र होना चाहिए और सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों का सम्मान भी करना चाहिए। उन्होंने चाय पर नेताओं के साथ चर्चा में कहा, ”… आप ईमानदारी और पारदर्शिता से समझौता नहीं कर सकते।”
साल 2014 में मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तभी से यह एक परंपरा सी बन गई है कि मोदी मंत्रिपरिषद के गठन से पहले नेताओं को चाय पर बुलाते हैं, उनसे चर्चा करते हैं और उन्हें सलाह के साथ-साथ नसीहत भी देते हैं। प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, अश्विनी वैष्णव, निर्मला सीतारमण और मनसुख मंडाविया जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद थे। मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने वाले नए चेहरों में मनोहर लाल खट्टर, शिवराज सिंह चौहान, बंडी संजय कुमार और रवनीत सिंह बिट्टू सहित कई अन्य नेता मौजूद थे।