हिमाचल प्रदेश के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिया इस्तीफा? जानें क्या है सच्चाई

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने पद से इस्तीफा देने की खबरों का खंडन किया है।उन्होंने कहा कि मैंने अपने से इस्तीफा नहीं दिया है। मेरे पास बहुमत है। हमारी सरकार पूरे 5 साल तक चलेगी। इससे पहले, यह खबर आई थी कि सुक्खू ने विधायकों की नाराजगी को देखते हुए पद से इस्तीफा देने का फैसला किया गया है। कुछ विधायकों ने तो प्रियंका गांधी को भी फोन किया था और सीएम के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की थी। बता दें कि कांग्रेस ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विधायकों की नाराजगी को दूर करने के लिए हिमाचल भेजा है। ये दोनों नेता राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद हालात संभालने में जुटे हुए हैं।

कांग्रेस हाईकमान से की इस्तीफे की पेशकश

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सुखविंद सिंह सुक्खूने कांग्रेस हाईकमान के सामने इस्तीफे की पेशकश की है। यह भी दावा किया गया था कि शाम को कांग्रेस विधायकों की बैठक होगी, जिसमें नए मुख्यमंत्री का चुनाव होगा। इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि मुझे कांग्रेस ने अपमानित किया है।

सख्त कदम उठाएगी कांग्रेस

कांग्रेस संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सख्त कदम उठाने से कांग्रेस नहीं हिचकिचाएगी, क्योंकि पार्टी हमारी प्राथमिकता है। हिमाचल में जनादेश के साथ विश्वासघात नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी पर्यवेक्षकों से बात की है। उनसे सभी विधायकों से बात करने और राज्य में जारी सियासी संकट पर व्यापक रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

जयराम ठाकुर समेत 15 विधायक विधानसभा से निष्कासित

बता दें कि विधानसभा में आज जमकर हंगामा देखने को मिला, जिसके बाद पूर्व सीएम जयराम ठाकुर समेत 15 विधायकों को सदन से निष्कासित कर दिया गया। इस पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अध्यक्ष ने जो किया, वह कतई उचित नहीं है। वे (कांग्रेस) कितना भी अन्याय करें, कोई फायदा नहीं होगा। एक बात तो साफ है कि हिमाचल की जनता किसी बाहरी व्यक्ति को कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार करने को तैयार नहीं थी। यहां तक कि उनके अपने विधायक भी इस बात को मानने को तैयार नहीं थे।


बता दें कि जिन विधायकों को निष्कासित किया गया है, उनमें जयराम ठाकुर के अलावा, विपिन सिंह परमार, रणधीर शर्मा, लोकेंद्र कुमार, विनोद कुमार, हंस राज, जनक राज, बलबीर वर्मा, त्रिलोक जम्वाल, सुरेंद्र शोरी, दीप राज, पूरन ठाकुर, इंदर सिंह गांधी और दिलीप ठाकुर हैं। सभी को विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में नारेबाजी और दुर्व्यवहार के आरोप में निष्कासित किया गया है।

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