कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभावों के दावा करने वाले बीएचयू के एक अध्ययन को लेकर मीडिया की कई रिपोर्ट्स सामने आई। जिसे में बीएचयू की शोध के हवाले सदावा किया गया क ि किए गए दावे के आईसीएमआर निदेशक हानिदेशक डॉ राजीव बहल ने प्रतिक्रया धी है।
उन्होंने ताजा अपडेट में कहा किन 30 फीसदी लोगों को कोवैक्सिन वैक्सीन दी गई, उनमें एक जौसा साइड इफेक्ट देखने को मिला।
हाल ही में कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स पर बीएचयू में एक शोध किया गया था। यह रिसर्च एक विदेशी जर्नल में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद मीडिया में कोवैक्सिन के दुष्प्रभावों के बारे में कई रिपोर्टें सामने आईं। एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि जिन 30 फीसदी लोगों को कोवैक्सिन वैक्सीन दी गई, उनमें किसी न किसी तरह का साइड इफेक्ट देखने को मिला। इसके बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर ने इस रिसर्च पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त दी है।
वहीं अब आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ राजीव बहल ने अध्ययन के लेखकों और पत्रिका के संपादकों को एक पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने लिखा कि यह शोध पूरी तरह से भ्रामक और गलत तथ्यों पर आधारित है। इसका आईसीएमआर से कोई लेना-देना नहीं है। आईसीएमआर ने कहा कि इसके लिए तकनीकी या वित्तीय सहायता नहीं दी है। इतना ही नहीं, उन्होंने आईसीएमआर का नाम हटाने के लिए भी कहा है।