राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना को लेकर राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी, बोले- ये युवाओं से अन्याय

राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना को लेकर नाराजगी जताते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। इस पत्र में राहुल गांधी ने लिखा कि अग्निपथ योजना में एक बड़ी कमी है और वो ये है कि इस योजना में सैनिकों का एक ‘निम्न’ कैडर बनाया जा रहा है, जिसे सामान्य सैनिकों की तरह ही काम करने की उम्मीद की जाती है, लेकिन उसे सैलरी और अन्य सुविधाएं कम मिल रही हैं।
राष्ट्रपति से की हस्तक्षेप की मांग
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर उनसे अग्निपथ योजना में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया ताकि बलिदान होने वाले अग्निवीरों के परिवारों को भेदभाव का सामना न करना पड़े। भारत के राष्ट्रपति को लिखे अपने दो पन्नों के पत्र में गांधी ने कहा कि वह उनसे यह अपील कर रहे हैं कि राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले अग्निवीरों को ‘न्याय’ प्रदान किया जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें अन्य सैनिकों के समान लाभ मिलें। राहुल गांधी ने लिखा, ‘अगर हम सरकार बनाते हैं तो अग्निवीर योजना को निरस्त कर देंगे।’ पत्र में गांधी ने कहा, ‘मैं आपसे (राष्ट्रपति) हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता हूं। मैं मानता हूं कि राष्ट्रपति आम तौर पर नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं, लेकिन सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर होने के नाते अपवाद की उम्मीद करता हूं।’
 

राहुल गांधी ने बलिदान अग्निवीर के परिवार की बताई व्यथा
राहुल गांधी ने लिखा, ‘अग्निपथ योजना में आधारभूत कमी का इससे अच्छा उदाहरण नहीं हो सकता, जिसमें सैनिकों का एक ‘कमतर’ कैडर तैयार करना, जिनसे कम वेतन, लाभ और संभावनाओं के साथ समान कार्य करने की अपेक्षा की जाती है।’ राहुल गांधी ने पंजाब के रामगढ़ सरदारन गांव के अग्निवीर अजय कुमार (23) का जिक्र किया, जो बीते दिनों नियंत्रण रेखा पर बलिदान हो गया था। राहुल गांधी ने अग्निवीर अजय कुमार के परिवार से अपनी मुलाकात का जिक्र किया। राहुल गांधी ने लिखा ‘हर भारतीय की तरह वे भी अजय की शहादत से दुखी हैं, लेकिन उनके परिवार को घोर गरीबी में जीते देखकर स्तब्ध हूं। बेटे के बलिदान पर परिवार को गर्व है, लेकिन परिवार को सैनिकों के परिवारों को मिलने वाली सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा नहीं मिली है। परिवार को न पेंशन, न चिकित्सा सुविधाएं मिली हैं। अजय के परिवार के सामने जो दुखद स्थिति है, वह अन्याय है, जिसका सामना हजारों अग्निवीर कर रहे हैं और आने वाले समय में लाखों अग्निवीर करेंगे।’

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