दुनिया का सबसे महंगा रंग, जो सोने-चांदी से भी ज्‍यादा कीमती

रंगपर्व होली का उत्‍साह चरम पर है. हर कोई रंग-गुलाल में सराबोर नजर आ रहा है. लाल, पीला, हरा-नीला और न जाने, कौन-कौन से रंग बाजार में रंग जमा रहे हैं. लेकिन एक रंग ऐसा भी है, जिसे खरीद पाना सबके बस की बात नहीं.

इसकी कीमत सोने-चांदी से भी ज्‍यादा है. यह इतना दुर्लभ है कि अमीर लोग भी खरीदने से पहले सौ बार सोचेंगे. आइए जानते हैं क‍ि ये मिलता कहां है? और इसकी कीमत इतनी ज्‍यादा क्‍यों है?

अगर आप Google करेंगे तो आपको दुनिया के सबसे महंगे रंग के बारे में बहुत सारी जानकार‍ियां मिल जाएंगी. जैसे एक नीला हीरा जो 32 मिलियन डॉलर में बिका और लाल हीरे सबसे दुर्लभ और सबसे महंगे हैं. लेकिन अगर हम दुनिया के सबसे महंगे रंगद्रव्य की बात करें, तो यह लापीस लाजुली (Lapis Lazuli) है. colormatters के मुताबिक, यह खूबसूरत नीला रंग कभी इतना दुर्लभ था कि इसकी कीमत अक्सर सोने की कीमत से अधिक हो जाती थी. आज भी ओर‍िजनल लापीस लाजुली आपको मुश्क‍िल से मिलेगा. प्राचीन काल में मशहूर चित्रकार अपनी पेंटिंग्स के ल‍िए इस रंग का प्रयोग करते थे. दुर्लभ इतना था क‍ि कलाकारों को शिपमेंट आने के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ता था.


अफगान‍िस्‍तान की चट्टानों से न‍िकाला जाता है लापीस लाजुली नाम का ये पत्‍थर. (Photo_canva)

इतना दुर्लभ और महंगा क्‍यों है?
अब आप सोच रहे होंगे क‍ि आख‍िर ये इतना दुर्लभ और महंगा क्‍यों है? तो बता दें क‍ि यह रंग लापीस लाजुली को पीसकर बनाया जाता है. लापीस लाजुली अफगान‍िस्‍तान में पाया जाने वाला एक रत्‍न है. दुर्लभता की वजह से इसका उपयोग बहुत कम किया जाता था. ज्‍यादातर राजघरानों में विशेष समारोह के ल‍िए इसे तैयार किया जाता था. धार्मिक कलाकृतियों, देवताओं के च‍ित्र बनाने के ल‍िए इसका उपयोग किया जाता था. इसे बनाने के ल‍िए पहले रत्‍न का खनन किया जाता था. फ‍िर उसके पीसने की प्रक्रिया काफी मुश्क‍िल भरी होती थी. इसी वजह से इसका प्रयोग धीरे-धीरे कम होने लगा. बाद में 1820 के दशक के अंत में फ्रांस और जर्मनी में सिंथेटिक अल्ट्रामरीन का निर्माण शुरू हुआ, ज‍िसे इसका विकल्‍प माना जाता है.

लापीस लाजुली नीले रंग का पत्थर
लापीस लाजुली नीले रंग का पत्थर है, जो अफगान‍िस्‍तान के पहाड़ों से निकाला जाता है. प्राचीन भारतीय संस्कृति में जिन नवरत्नों को मान्यता दी गई थी उनमें से ये भी था, जिसे लाजवर्द या राजावर्त नाम से जाना जाता था. आप जानकर हैरान होंगे क‍ि सिर्फ एक ग्राम लापीस लाजुली की कीमत 83 हजार रुपये से भी ज्‍यादा है. शास्‍त्रों में इस रत्‍न का बेहद महत्‍व है. रत्न शास्त्र के अनुसार, कुंडली में शनि की उच्च स्थिति होने पर लाजवर्त रत्‍न धारण करना चाहिए. मकर और कुंभ राशि के लोग भी लाजवर्त पहन सकते हैं.

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