समुद्र के नीचे सुरंग में भी होगी 320 की रफ्तार, रेल मंत्री ने दिया हाई स्पीड ट्रेन पर सबसे बड़ा अपडेट

केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को मुंबई में विक्रोली और बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में बुलेट ट्रेन निर्माण स्थलों का दौरा किया.केंद्रीय मंत्री ने यहां जारी काम की समीक्षा की और कहा कि, हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का पहला सेक्शन जुलाई-अगस्त 2026 में शुरू हो जाएगा. इसके बाद धीरे-धीरे दूसरे ब्लॉक भी शुरू हो जाएंगे. बकौल रेलमंत्री देश में 2026 से हाई स्पीड रेल दौड़ाने का लक्ष्य है. इसके लिए टार्गेट है कि, सूरत और बिलिमोरा के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का पहला खंड जुलाई-अगस्त 2026 में काम करना शुरू कर दे.

समुद्र के नीचे 21 KM लंबी सुरंग
रेल मंत्री ने इस परियोजना को लेकर खास जानकारियां दीं. उन्होंने कहा कि हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की एक खासियत होगी कि, यह भारत में पहली समुद्र के नीचे सुरंग में दौड़ने वाली रेल होगी. 21 किलोमीटर लंबी सुरंग का एक सिरा मुंबई एचएसआर से शुरू होगी और कल्याण सिलफाटा में निकलेगी. इसमें से 7 किलोमीटर का हिस्सा ठाणे क्रीक पर समुद्र के नीचे होगा. सबसे गहराई वाला पॉइंट लगभग 65 मीटर गहरा है. सुरंग 40 फीट चौड़ी होगी और इसमें एक अप और एक डाउन लाइन होगी, जिस पर हाईस्पीड रेल काम करेगी. सुरंग के अंदर भी ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी.

एक-दूसरे से कनेक्ट होंगे बड़े आर्थिक जोन
इस कॉरिडोर के जरिए मुंबई, ठाणे, वापी, सूरत, वडोदरा, आनंद और अहमदाबाद एक बड़े इकोनॉमिक जोन के तौर पर एक-दूसरे से कनेक्ट हो जाएंगे. इसके अलावा इस कॉरिडोर पर दो रह की ट्रेनें होंगी, एक वो जो सभी स्टेशनों पर रुकेगी और दूसरी, जिसके सीमिच स्टॉपेज होंगें. मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा का समय सीमित स्टॉप के साथ दो घंटे होगा और जब ट्रेन सभी स्टॉप पर रुकेगी तो लगभग 2.5 घंटे में ये यात्रा पूरी होगी. उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री की दूरदर्शी योजना है जिससे देश को दीर्घकालिक लाभ होगा.

‘एक करोड़ से अधिक आबादी वाले कई शहर मेगासिटी बनने की ओर’
इस अवसर पर मीडिया से बातचीत केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह देश की पहली हाई स्पीड कॉरिडोर परियोजना है. इसमें सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जा रहा है. हमारा देश लगभग 140 करोड़ की आबादी वाला एक बड़ा देश है. एक करोड़ से अधिक आबादी वाले कई शहर मेगासिटी बनने जा रहे हैं. अगर हमें ऐसे शहरों को कम लागत, कम समय में समाधान उपलब्ध कराना है तो हमें हाई स्पीड कॉरिडोर बनाने का एक्सपर्ट बनना होगा.

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