महम का गैंगवार… अदालत में ही रची थी वजीर की हत्या की पटकथा

रियाणा के रोहतक के महम के निंदाना गांव में हुई गैंगवार में अहम अभियुक्त अंकित उर्फ गोधू तिहाड़ जेल में बंद था, जिसे 25 दिन पहले ही पांच दिन की पैरोल मिली थी। पैरोल के बाद वह गांव में नहीं आया, बल्कि डीसी गैंग पर वार करने की तैयारी करने लगा।पुलिस को यह भी पता लगा है कि सोमवार को दोहरे हत्याकांड से पहले महम अदालत में दोनों पक्षों के बीच कहासुनी भी हुई थी, यहीं पर गोधू गैंग ने हत्या की पटकथा रच दी थी।दूसरे पक्ष को यह पता नहीं था कि ऐसे हत्याकांड को अंजाम देने की तैयारी चल रही है। योजना के तहत डीसी गैंग के संदीप उर्फ धरती के चाचा वजीर सिंह की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वह महम से लौहारू जाने के लिए भिवानी अड्डे पर बस का इंतजार कर रहा था।

दिल्ली पुलिस व तिहाड़ जेल प्रशासन से मांगा ब्योरा
दोहरे हत्याकांड की जांच की फाइल फिलहाल महम पुलिस के पास है, लेकिन सीआईए प्रथम व सीआईए द्वितीय भी दबिश दे रहे हैं। वारदात में अहम अभियुक्त अंकित उर्फ गोधू के बारे में दिल्ली पुलिस व तिहाड़ जेल प्रशासन से पूरा ब्योरा मांगा गया है। आखिर किस आधार पर अंकित उर्फ गोधू को पैरोल मिली थी।

गोधू गैंग ने किया डीसी गैंग पर पलटवार
निंदाना गांव में सात साल से डीसी और गोधू गैंग के बीच रंजिश चल रही है, जिसमें सात हत्या हो चुकी हैं। गोधू गैंग के अमित उर्फ गोधू व उसके साथी संदीप की 2022 में हिसार के पुट्ठी गांव में हत्या हुई, जबकि दो लोगों की हत्या 2021 में हुई। वहीं, जेल से पैरोल पर आए सुमित उर्फ सेठी की 2023 में गांव में ही हत्या हुई। अब डीसी गैंग के भिवानी जेल में बंद संदीप उर्फ डीसी के चाचा वजीर सिंह की हत्या महम में सरेआम सोमवार को की गई। साथ में फायरिंग में किशनगढ़ का बल्लू नंबरदार भी मारा गया, जिसका गैंग से कोई संबंध नहीं था।

तिहाड़ जेल प्रशासन और दिल्ली पुलिस से अंकित उर्फ गोधू के बारे में पूरा ब्योरा मांगा गया है। सीआईए प्रथम व द्वितीय भी केस में काम कर रही है। दूसरे आरोपियों के बारे में भी ब्योरा एकत्रित कर रहे हैं। -सतपाल सिंह, प्रभारी थाना महम

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